Last updated on February 11th, 2025 at 07:11 pm
वित्तीय साक्षरता क्या है? What is financial literacy?

वित्तीय साक्षरता का अर्थ(meaning of financial literacy)
- वित्तीय साक्षरता(Financial Literacy) मूलतः एक प्रकार की सीख है जो वित्तीय संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करने की योग्यता प्रदान करती है।
- वित्तीय कौशलों जैसे- बजट बनाना, वित्तीय प्रबंधन, निवेश करना, कर(Tax) आदि की बुनियादी समझ और कुशलतापूर्वक इनका प्रबंधन करने की काबिलियत ही वित्तीय साक्षरता( financial literacy) है। यदि कोई व्यक्ति अपनी आय से प्राप्त होने वाली धनराशि से कुशलतापूर्वक खर्च, निवेश और बचत आदि कर लेता है तो हम कह सकते हैं कि उसने वित्तीय साक्षरता प्राप्त कर ली है।
- वित्तीय ज्ञान के माध्यम से वित्त से संबंधित निर्णय कुशलतापूर्वक लिए जाते है जिनके परिणाम अधिक फलदाई होते हैं। इसके साथ ही जीवन के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करना सरल हो जाता है।
वित्तीय साक्षरता का मुख्य उद्देश्य
- वित्तीय साक्षरता(Financial Literacy) का मुख्य उद्देश्य धन का सही मात्रा में, सही जगह और सही समय पर प्रयोग करना है। इसमें मूल रूप से वित्तीय योजनाएं जैसे-बजट बनाना, खर्च को नियंत्रित करना तथा निवेश और बचत के विकल्पों को चुनना शामिल है।
वित्तीय साक्षरता का महत्व(Importance of financial literacy)
वर्तमान में वित्तीय जागरूकता का बहुत महत्व बढ़ गया है। इसके महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं से समझ सकते है-
आर्थिक निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि
वित्तीय रूप से साक्षर व्यक्ति यह समझ पाता है कि खर्च, निवेश और बचत, कब, कहां और कितनी मात्रा में करना है। वित्तीय ज्ञान न केवल धन की बचत करने बल्कि नए धन का सृजन करने में भी सहायता करता है।
निवेश के साधनों की बेहतर समझ
वित्तीय साक्षर व्यक्ति को निवेश के बेहतर साधनों जैसे- स्टॉक, म्यूचुअल फंड, गोल्ड, गवर्नमेंट बॉन्ड आदि की जानकारी होती है। उसे जानकारी होती है कि किन साधनों में अधिक लाभ और किन साधनों में जोखिम है।
ऋण प्रबंधन में कुशलता
आजकल विभिन्न साधनो जैसे-घर, गाड़ी, व्यवसाय आदि के लिए ऋण(loan) लेना सामान्य सी बात है|अगर लोन का प्रबंधन सही से नहीं किया गया तो यह आर्थिक संकट का कारण भी बन सकता है। वित्तीय ज्ञान ब्याज दरों को समझने, लोन का सही प्रबंधन तथा सही समय पर ईएमआई(EMI) चुकाने के लिए जागरूक करता है।
आपातकालीन परिस्थतियो के लिए पूर्व तैयारी
दुर्घटना जीवन में कभी भी हो सकती है। इन आपातकालीन स्थितियों में अक्सर धन की आवश्यकता होती है। वित्तीय साक्षरता हमें पैसे बचाने और भविष्य के लिए आपातकालीन निधि एकत्र करने के लिए प्रेरित करती है।
वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करने सहायक
वित्तीय जागरूकता जीवन में अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक है। इन वित्तीय लक्ष्यों में ऋण चुकाना, घर खरीदना, निवेश करना, रिटायरमेंट प्लानिंग करना, बच्चों की शिक्षा, आपातकालीन फंड बनाना आदि हो सकते हैं।
भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा- वित्तीय स्वतंत्रता(Financial Freedom)
प्रत्येक व्यक्ति वित्तीय स्वतंत्रता चाहता है, ताकि वह शीघ्र सेवानिवृत्ति(early retirement) के बाद अपने शेष जीवन का आनंद शांति और चिंता मुक्त होकर ले सके। वित्तीय जागरूकता, जीवन में आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है।
आर्थिक स्थिरता(Economic stability)
वित्तीय ज्ञान वाला व्यक्ति अपने खर्चों का अच्छी तरह से प्रबंधन कर सकता है। वह अपनी कमाई का अधिकांश हिस्से का निवेश करता है। इससे जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है और जीवन स्तर में सुधार होता है।
वित्तीय साक्षरता कैसे प्राप्त करें?
वित्तीय साक्षरता(Financial Literacy) ऐसे आर्थिक कौशल प्रदान करती है जिन्हे अर्जित करने के लिए धैर्य, समर्पण और प्रतिबद्धता को आवश्यकता होती है। निम्नलिखित चरणों में वित्तीय ज्ञान(Financial knowledge) प्राप्त करने का प्रयास किया जा सकता है।
- सर्वप्रथम अपनी आय, व्यय, ऋण, संपत्ति का मूल्यांकन करें। इससे आपको अपनी वित्तीय स्थिति का परीक्षण करने में सहायता मिलेगी।
- विभिन्न पुस्तकों, यू ट्यूब तथा अन्य संसाधनों से अपना वित्तीय ज्ञान बढ़ाने का प्रयास करें।
- अपने महीने भर के आय- व्यय का एक बजट बनाएं। आप चाहे तो अपनी आय का 50:30:20 का नियम अपना सकते हैं।इसके अंतर्गत अपनी कुल आय का 50% आवश्यक खर्च, 30% अपनी इच्छाओं और 20% बचत व निवेश के लिए रख सकते हैं।
- अपने मासिक खर्च को ध्यान में रखते हुए 6 महीने का एक इमरजेंसी फंड अवश्य बनाएं।इस फंड का उपयोग आप आवश्यकता पड़ने पर मेडिकल इमरजेंसी या अचानक जॉब चले जाने आदि पर कर सकते हैं
- अपने पैसे की बचत करने और अधिक धन का सृजन करने के लिए निवेश करना सीखें। शुरुआत में अपने धन को कम जोखिम वाले साधनों जैसे- Index fund या ETF में निवेश कर सकते हैं।
please visit-“व्यक्तिगत बजटिंग(Personal Budgeting)”: वित्तीय स्वतंत्रता की अद्भुत कुंजी।Amazing key to financial freedom.
वित्तीय साक्षरता(Financial Literacy) की भारत में क्या स्थिति है?
- भारत में वित्तीय साक्षरता(Financial Literacy) की स्थिति में पिछले कुछ वर्षो में काफी सुधार आया है, परंतु अभी भी इसके मार्ग में कई चुनौतियां मौजूद हैं।
- सर्वेक्षणों से पता चलता है कि भारत की केवल 27 प्रतिशत आबादी ही वित्तीय रूप से साक्षर है। इसके अलावा, केवल 16.7 प्रतिशत भारतीय छात्रों को वित्त और धन प्रबंधन की बुनियादी समझ है।Source- Business standard
- वित्त मंत्रालय भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक(RBI), व सेबी(SEBI) ने वित्तीय जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए पहल की है। इसके लिए आम जनता को ‘मुद्रा योजना’ व ‘Prime Minister प्रधानमंत्री जन धन योजना’ आदि योजनाओं के द्वारा जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।
- इस दिशा में अनेक चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। जिनमें मुख्यतः ग्रामीण छेत्रो में लोगो को वित्तीय सेवाओं के बारे में जागरूकता की कमी, डिजिटल शिक्षा का अभाव और वित्तीय धोखाधड़ी आदि हैं।
निष्कर्ष(Conclusion)
- वित्तीय साक्षरता(Financial Literacy) से सिर्फ एक व्यक्ति नहीं वरन पूरा समाज और राष्ट्र विकास के मार्ग पर अग्रसर होता है। एक साक्षर व्यक्ति अपने व अपने परिवार के भविष्य हेतु सही आर्थिक निर्णय ले सकता है। वह समाज में सकारात्मक बदलाव व विकास का वाहक बनता है।
- स्वयं को शिक्षित करने, वित्तीय लक्ष्यों का निर्धारण करने, बजट बनाने, बचत और निवेश बुद्धिमत्ता से करने से आप अपने लिए आर्थिक सुरक्षा और स्वतंत्रता सुनिश्चित कर सकते हैं।
- वित्तीय साक्षरता को स्कूल व कॉलेज के पाठ्यक्रमों में अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए। क्योंकि छात्रों के समावेशी विकास हेतु वित्तीय ज्ञान(Financial knowledge for students) आवश्यक है।अतः वित्तीय साक्षरता भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है, इसके लिए समग्र और समावेशी प्रयासों की आवश्यकता है।
please have a look-“वित्तीय समावेशन(financial Inclusion): सशक्त भारत की ओर एक कदम”
वित्तीय साक्षरता पर प्रश्नोत्तरी(Financial literacy quiz)
वित्तीय साक्षरता से आप क्या समझते हैं?
इसका तात्पर्य अच्छे वित्तीय निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना है।
वित्तीय साक्षरता की आवश्यकता क्यों है?
यह धन के बेहतर प्रबंधन, धन सृजन और वित्तीय स्वतंत्रता, कर्ज से बचने, आर्थिक विकास, वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने, सुरक्षित भविष्य की योजना बनाने आदि के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत की वित्तीय साक्षरता दर कितनी है?
न्यू इंडियन एक्सप्रेस इन इंडिया के एक लेख के अनुसार अधिकांश व्यक्तियों के पास 42.8% की वित्तीय साक्षरता का प्रारंभिक स्तर है, जबकि 20.8% मध्यम रूप से वित्तीय साक्षर हैं। भारत में एक तिहाई लोग आर्थिक रूप से निरक्षर हैं, और केवल 4.2% लोगों के पास उन्नत वित्तीय साक्षरता है।
वित्तीय साक्षरता का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
वित्तीय साक्षरता व्यक्ति के साथ-साथ पूरे समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। यदि कोई व्यक्ति अपने वित्तीय ज्ञान के आधार पर आर्थिक रूप से आगे बढ़ता है, तो वह समाज और पूरे देश के विकास में अपना योगदान देता है।
क्या वित्तीय साक्षरता की कमी से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है?
वित्तीय रूप से साक्षर व्यक्ति यह समझ पाता है कि खर्च, निवेश और बचत, कब, कहां और कितनी मात्रा में करना है। वह जानता है कि व्यक्तिगत बजट कैसे तैयार किया जाए, बचत और निवेश कैसे किया जाए और टैक्स प्लानिंग कैसे की जाए। वह सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सेवाओं से भी अवगत हैं। इसलिए वित्तीय शिक्षा की कमी व्यापक पहलू में अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित करती है।
source-https://www.skillindiadigital.gov.in