Last updated on February 11th, 2025 at 07:10 pm
शेयर बाजार(Stock market), वैश्विक अर्थव्यवस्था की आधारशिला है, जो व्यवसायों, उद्योगों, सरकारों और व्यक्तियों के निजी जीवन को बहुत प्रभावित करता है। शेयर बाजार निवेशकों को ऐसा मंच प्रदान करता है जहां वे शेयर के रूप में विभिन्न कंपनियों की हिस्सेदारी खरीद और बेच सकते हैं। यह समझने में थोड़ा मुश्किल लग सकता है, परंतु शेयर बाजार के बारे में जानना हर उसे व्यक्ति के लिए जरूरी है जो इस वित्तीय दुनिया को समझ कर अपनी धन और संपत्ति में वृद्धि करना चाहता है।

शेयर बाजार(stock market) क्या है?
जहां कंपनियों के शेयरों(stock) को खरीदा या बेचा जाता है उस स्थान को शेयर बाजार(Stock market) कहते हैं। अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर खरीदता है तो उस व्यक्ति को संबंधित कंपनी में मालिकाना हक मिल जाता है और वह कंपनी को होने वाले लाभांश(Dividend) का हकदार हो जाता है। किसी कंपनी के शेयर उस कंपनी के स्वामित्व का सबसे छोटी इकाई होता हैं। शेयर बाजार(stock market) किसी निश्चित जगह पर सीमित न होकर कई स्टॉक एक्सचेंज(Stock Exchange) का बड़ा नेटवर्क है।
source- Nitish Rajput
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पूरे विश्व के मुख्य स्टॉक एक्सचेंज(Stock Exchange) इस प्रकार है-
1. न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE)-
यह बाजार पूंजीकरण की दृष्टि से दुनिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। जो कि अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित है।
2. नैस्डेक(NASDAQ)-
यह प्रौद्योगिकी(technology) कंपनियों के स्टॉक की लिस्टिंग के लिए दुनिया भर में मशहूर है।
3. लंदन स्टॉक एक्सचेंज (LSE)-
यह हो यूरोपीयन और अंतरराष्ट्रीय प्रतिभूतियों (Securities) के लिए बड़ा और प्रमुख केंद्र है।
4. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(NSE)-
भारत में स्थित यह स्टॉक एक्सचेंज आज विश्व के सबसे बड़े और विख्यात स्टॉक एक्सचेंज में से एक है।
5. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)-
मुंबई में स्थित यह स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा एक्सचेंज है।
शेयर बाजार(stock market) में निश्चित समयावधि के लिए कामकाज होता है। इसमें पारदर्शिता, निष्पक्षता तथा निवेशकों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कानून का पालन किया जाता है।
शेयर बाजार(stock market) में काम कैसे होता है?
शेयर बाजार(stock market) खरीदारों और विक्रेताओं को शेयरों का आदान-प्रदान करने की सुविधा उपलब्ध कराता है। कोई भी कंपनी आईपीओ (Initial Public Offering-IPO) के द्वारा अपने अपने शेयरों को शेयर बाजार में लिस्ट कर सकती है। एक बार लिस्ट होने पर, इन शेयरों का सेकेंडरी मार्केट(Secondary Market) में सौदा किया जा सकता है जहां आम निवेशक इन शेयरों को आपस में खरीद या बेच सकते हैं।
यह रोचक बात है की शेयरो की कीमत उनकी मांग और पूर्ति पर निर्भर करती है। जब किसी शेयर के खरीददार उसको बेचने वालों से अधिक होते हैं तो मांग बढ़ने से उस शेयर की कीमत बढ़ जाती है। इसके विपरीत जब किसी शेयर के विक्रेता उसके खरीदारों से अधिक होते है तो उस शेयर की मांग कम होने से कीमत भी कम हो जाती है।
इसके अतिरिक्त कुछ महत्वपूर्ण कारण है जिनसे शेयरों के दाम प्रभावित होते हैं।
1. कंपनी का प्रदर्शन(Performance of Company)-
किसी कंपनी के त्रैमासिक वित्तीय रिजल्ट कैसे आ रहे हैं ? विकास की कितनी संभावनाएं है? और कंपनी के प्रबंधन द्वारा लिए गए फैसले, उस कंपनी के प्रदर्शन को प्रभावित करते हैं जिससे उसे कंपनी के शेयरों के दाम भी घटते बढ़ते रहते हैं।
2. आर्थिक परिस्थितियां(Economic Conditions)-
ब्याज दरें, मुद्रास्फीति(inflation) और जीडीपी(GDP) विकास दर से देश-विदेश में आर्थिक परिस्थितियों का निर्धारण होता है। यही परिस्थितियाँ शेयर बाजार को प्रभावित करती हैं।
3. बाजार की धारणा(Market Sentiment)-
देश विदेश में घटित होने वाली घटनाओं और समाचारों पर निवेशकों की क्या प्रतिक्रिया रहती है? निवेशकों के बीच कहीं डर का माहौल तो नहीं है? निवेशकों की भावनाएं(Public Sentiment)।
4. वैश्विक कारक(Global Factor)-
देश- विदेश में भू- राजनीतिक घटनाएं(Geo-political issues), मुद्रा की वैल्यू में उतार चढ़ाव और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की नीतियां कई सारे वैश्विक कारणों को जन्म देती हैं जो शेयर बाजार को बहुत प्रभावित करते हैं।
शेयर बाजार में प्रतिभागी(Participant in stock market)
निवेशक(Investor)-
मुख्यतः दो प्रकार की निवेशक शेयर मार्केट में निवेश करते हैं।
1. रिटेल निवेशक(Retail)-
वह निवेशक जो स्वयं अपने निजी धन या पूंजी की समय के साथ वृद्धि के लिए शेयर बाजार में निवेश करते हैं।
2. संस्थागत निवेशक(Institutional)-
इसके अंतर्गत म्युचुअल फंड, हेज फंड और पेंशन फंड जैसे बड़े-बड़े संगठन आते हैं।
म्यूचुअल फंड(Mutual Fund)- मोतीलाल ओसवाल, पराग पारिख म्युचुअल फंड।
हेज फंड(Hedge Fund)- मुथूट हेज फंड, आईआईएफएल ऑपर्च्युनिटीज फंड|
पेंशन फंड(Pension Fund)- एलआईसी, यूटीआई पेंशन फंड आदि।
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कंपनियां(Companies)-
कंपनी अपने व्यवसाय के विस्तार, रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) या कर्ज चुकाने के उद्देश्य से पूंजी जुटाना के लिए प्राथमिक बाजार(Primary Market) में शेयर जारी करती है।
ब्रोकर(broker)-
ब्रोकर खरीददारों और विक्रेताओं के बीच शेयरों के आदान-प्रदान करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
नियामक प्राधिकरण (regulatory authority)-
भारत में शेयर बाजार के लिए नियामक प्राधिकरण भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड(security and exchange board of India-SEBI) है। जो बाजार में किए जाने वाले लेनदेन में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करता है।
प्राथमिक और द्वितीयक शेयर बाजार
प्राथमिक बाजार (Primary Market)-
यदि किसी कंपनी को नए शेयर जारी करने हो तो वह प्राथमिक बाजार में शेयर जारी करती है। इससे प्राप्त धनराशि सीधे कंपनी को मिलती है।
द्वितीयक बाजार(Secondary Market)-
यहां पहले से ही जारी शेयरों को खरीदा और बेचा जाता है। इससे जुटाई गई धनराशि कंपनी को नहीं जाती जबकि इससे केवल शेयर धारकों के बीच स्वामित्व का हस्तांतरण होता है।
शेयर बाजार(stock market) से हम क्या लाभ ले सकते हैं?
1.धन का सृजन-
शेयर बाजार में लंबे समय तक धन का निवेश करके अपनी धनराशि में कई गुना इजाफा किया जा सकता है। ऐसा देखा गया है कि स्टॉक मार्केट निवेश ने संपत्ति के साधनों(Asset class) को आउटपरफॉर्म करता आया है। जिससे शेयर मार्केट में निवेश करके निवेशकों ने जमकर पैसा बनाया है।
2. तरलता(Liquidity)-
शेयर एक प्रकार की तरल संपत्ति है।जिसको शेयर बाजार में लाभ होने की स्थिति में किसी भी समय खरीदा या बेचा जा सकता है।
3. कंपनियों में मालिकाना हक (Ownership in companies)-
में मालिकाना हक (Ownership in companies)- किसी कंपनी के शेयर खरीद कर उस कंपनी के स्वामित्व में हिस्सेदारी प्राप्त की जा सकती है। जिससे उस कंपनी के लिए लिए जाने वाले निर्णयों में वोटिंग राइट्स तथा लाभांश भी मिलता है।
4. आर्थिक संकेतक(Economic Indicator)-
शेयर बाजार(stock market) किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य को दर्शाता है। यदि किसी देश का आर्थिक स्वास्थ्य अच्छा है तो उस देश का शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन करता है। वैश्वीकरण की इस दौर में सभी देश की अर्थव्यवस्था एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई है। यदि किसी एक देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी ना हो तो उसका कुछ असर विश्व के सभी स्टॉक एक्सचेंज पर पड़ता है।
शेयर बाजार से जुड़े कुछ जोखिम(Risk)
शेयर बाजार पूंजी निवेश और धन सृजन के अपार अवसर देता है परंतु इसके साथ कुछ जोखिम भी जुड़े हुए हैं।
1. बाजार में उतार चढ़ाव (Market Volatility)
देश विदेश में राजनीतिक एवं आर्थिक परिदृश्य के चलते शेयर के भाव में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक है।
2. कंपनी से जुड़े जोखिम
कंपनी के प्रबंधन द्वारा लिए गए गलत निर्णय या व्यवसाय के लिए खराब परिस्थितियों के चलते कंपनी घाटे में आ सकती है। जिससे निवेशकों को नुकसान हो सकता है।
3. सामूहिक जोखिम (Systematic Risk
कभी-कभी मंदी(Recession) या वैश्विक संकट जैसे- कोविड-19 या युद्ध जैसी परिस्थितियों में बाजार में निवेशकों को भारी जोखिम उठाना पड़ता है।
4. जागरूकता की कमी(Lack of Knowledge)
शेयर मार्केट(stock market) में निवेश करने से पहले संबंधित शेयर और कंपनी के बारे में पर्याप्त मात्रा में रिसर्च कर लेना जरूरी है। बिना किसी जानकारी व रणनीति के निवेश करना नुकसान का कारण बन सकता है।
शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत कैसे करें?
1. निवेश करना सीखिए-
सर्वप्रथम शेयर बाजार के कामकाज के बारे में सीखिए। जिन कारकों पर निवेश, बाजार की चाल तथा वित्तीय सूचकांक निर्भर करते हैं उनका अध्ययन कीजिए।
2. लक्ष्यों का निर्धारण-
अपने निवेश के लक्ष्यों को स्पष्ट कर लें। इन लक्ष्यों में जैसे- धन का सृजन, रिटायरमेंट के लिए बचत या बच्चों की शिक्षा आदि हो सकते हैं।
3. ब्रोकर चुने-
अपने निवेश के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए एक ब्रोकर प्लेटफार्म का चयन करें और उस प्लेटफार्म पर अपना डीमैट खाता खोलें।
4. निवेश के लिए रिसर्च-
निवेश करने से पहले जिस कंपनी में निवेश करना चाहते हैं उस कंपनी, कंपनी का छेत्र(Industry) तथा बाजार की परिस्थितियों के बारे में अच्छे से जांच पड़ताल कर लें।
5. छोटे निवेश से शुरुआत-
प्रारंभ में छोटी-छोटी धनराशि का निवेश करें। जब अनुभव बढ़ेगा तो उसके साथ-साथ आत्मविश्वास भी बढ़ेगा तब धीरे-धीरे निवेश की मात्रा को बढ़ाएं।
निष्कर्ष(Conclusion)
शेयर बाजार(stock market) वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक गतिशील और अभिन्न हिस्सा है। यह एक तथ्य है कि इसमें जोखिम है परंतु यह धन सृजन व वित्तीय स्वतंत्रता पाने के अनेकों अवसर भी देता है। यदि कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को बढ़ाना चाहता है तो वह शेयर बाजार के कामकाज, प्रतिभागियों तथा रणनीतियों का अध्ययन करके शेयर बाजार में निवेश कर सकता है। वह अनुभव के साथ निवेश के बहुत अच्छे निर्णय भी ले सकता है।
चाहे कोई व्यक्ति अनुभवी निवेशक हो या नया निवेशक, निरंतर सीखते रहना ही सबके लिए सफलता की कुंजी है। अनुशासित तथा दीर्घकालिक दृष्टिकोण से निवेश करना भी व्यक्ति को सफल निवेशक बनाते हैं।
FAQ,s
शेयर बाजार क्या है?
शेयर बाजार एक ऐसा बाजार है जहाँ निवेशक सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर खरीदते और बेचते हैं।
शेयर बाजार कैसे काम करता है?
निवेशक कंपनियों के शेयर (जो कि कंपनियों में छोटे हिस्से का मालिकाना हक प्रदान करते हैं) खरीदते हैं। इन शेयरों का मूल्य कंपनी की प्रदर्शन, अर्थव्यवस्था और बाजार की स्थिति के आधार पर बढ़ सकता है या घट सकता है। निवेशक अपने शेयर कभी भी बेच सकते हैं।
शेयर क्या है?
शेयर कंपनी में मालिकाना हक का प्रतीक होते हैं। जब आप शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी का एक छोटा सा हिस्सा के मालिक बन जाते हैं।
स्टॉक एक्सचेंज क्या है?
स्टॉक एक्सचेंज वह प्लेटफॉर्म है जहाँ प्रतिभूतियाँ (जैसे कि शेयर, बॉन्ड, और डेरिवेटिव्स) खरीदी और बेची जाती हैं। प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजेस में NYSE, नासडैक, और लंदन स्टॉक एक्सचेंज (LSE) शामिल हैं।
प्राथमिक और द्वितीयक बाजार में क्या अंतर है?
- प्राथमिक बाजार: जहाँ नए प्रतिभूतियाँ(securities) पहली बार जारी की जाती हैं, जैसे कि IPO (प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश) के दौरान।
- द्वितीयक बाजार: जहाँ पहले से जारी किए गए शेयरों का निवेशक आपस में व्यापार करते हैं।
डिविडेंड क्या है?
डिविडेंड(Dividend) वह राशि है जो कंपनियाँ अपने शेयरधारकों को लाभ के रूप में भुगतान करती हैं। यह नकद या अतिरिक्त शेयरों के रूप में हो सकता है। कंपनियाँ तब डिविडेंड देती हैं जब उन्हें लाभ होता है।
बुल मार्केट क्या है?
बुल मार्केट वह समय होता है जब शेयरों की कीमतें बढ़ रही होती हैं या बढ़ने की संभावना होती है। यह आर्थिक विकास और निवेशकों के आशावाद से जुड़ा हुआ होता है।
बियर मार्केट क्या है?
बियर मार्केट वह समय होता है जब शेयरों की कीमतें गिर रही होती हैं या गिरने की संभावना होती है। यह आर्थिक मंदी और निवेशकों के निराशावाद से जुड़ा हुआ होता है।
मार्केट कैपिटलाइजेशन (मार्केट कैप) क्या है?
मार्केट कैप वह कुल मूल्य होता है जो एक कंपनी के जारी किए गए सभी शेयरों का होता है। यह स्टॉक के मूल्य को उस कंपनी के कुल जारी किए गए शेयरों की संख्या से गुणा करके निकाला जाता है।