“RBI का बड़ा फैसला: रेपो रेट कटौती से आपके Home Loan EMI पर क्या पड़ेगा असर?”

Last updated on March 1st, 2025 at 10:38 pm

RBI का बड़ा फैसला: रेपो रेट कटौती से आपके Home Loan EMI पर क्या पड़ेगा असर?

Home Loan EMI

मौद्रिक नीति समिति (MPC) की 53वीं बैठक 5 से 7 फरवरी, 2025 तक आयोजित की गई। यह बैठक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा(Sanjay Malhotra) ​​की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

MPC ने शुक्रवार को रेपो रेट(Repo Rate) में 25 आधार अंकों(Basis Points) की कटौती कर इसे 6.25% कर दिया। यह आरबीआई द्वारा पांच वर्षों में की गई पहली ब्याज दर कटौती है, आखिरी कटौती मई 2020 में की गई थी।

RBI समय-समय पर देश की मौद्रिक नीति में बदलाव करता है, जिससे अर्थव्यवस्था और बैंकिंग प्रणाली प्रभावित होती है। Home Loan EMI (होम लोन ईएमआई) पर भी इन बदलावों का सीधा असर पड़ता है।

RBI की रेपो रेट कटौती से आम जनता को Home Loan EMI में राहत मिल सकती है, खासकर यदि उनका लोन फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर आधारित है। इससे होम लोन लेने वालों का वित्तीय बोझ कम हो सकता है और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलता है।

Home Loan EMI पर रेपो रेट कटौती का प्रभाव

RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती किए जाने पर बैंकों को कम ब्याज दर पर फंड मिलता है, जिससे वे ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर लोन देने में सक्षम होते हैं। इसका सीधा असर Home Loan EMI पर पड़ता है, जिससे मासिक किस्तें कम हो सकती हैं।

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1. रेपो रेट घटने से होम लोन सस्ता कैसे होता है?

जब रेपो रेट घटता है, तो बैंकों को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से कम ब्याज दर पर धन उधार मिलता है। इससे बैंकों की उधारी लागत कम हो जाती है, और वे ग्राहकों को कम ब्याज दर पर ऋण देने लगते हैं।

होम लोन की ब्याज दरें भी रेपो रेट से प्रभावित होती हैं। जब बैंक कम ब्याज दर पर होम लोन देते हैं, तो Home Loan EMI (मासिक किस्त) कम हो जाती है। इससे घर खरीदने वाले लोगों को राहत मिलती है, क्योंकि उन्हें पहले की तुलना में कम मासिक भुगतान करना पड़ता है।

रेपो रेट घटा → बैंकों की ब्याज दर घटी
ब्याज दर कम हुई→ होम लोन सस्ता
Home Loan EMI कम → उधारकर्ताओं को लाभ

इस तरह, रेपो रेट में कटौती से लोगों के लिए घर खरीदना आसान और किफायती हो जाता है।

2. EMI कम होने की प्रक्रिया

जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंकों की उधारी लागत कम हो जाती है। बैंक इस बचत को ग्राहकों तक पहुंचाते हैं और होम लोन ब्याज दरों में कटौती करते हैं। नतीजतन, नए और मौजूदा लोन धारकों की Home Loan EMI कम हो सकती है।

आइए समझते हैं कि Home Loan EMI कैसे कम होती है:

  • रेपो रेट में कटौती → RBI जब रेपो रेट घटाता है, तो बैंक कम ब्याज दर पर RBI से कर्ज लेते हैं।
  • बैंकों की उधारी लागत घटती है → कम ब्याज दर पर ऋण मिलने से बैंकों का खर्च कम हो जाता है।
  • बैंक ग्राहकों को सस्ती दरों पर लोन देते हैं → बैंक होम लोन सहित अन्य ऋणों की ब्याज दरें घटाते हैं।
  • होम लोन की ब्याज दर घटती है → जब होम लोन का ब्याज कम होता है, तो Home Loan EMI भी कम हो जाती है।
  • EMI कम होने से उधारकर्ता को राहत मिलती है → कम EMI का मतलब है कि होम लोन चुकाने का बोझ हल्का हो जाता है, जिससे लोगों के लिए घर खरीदना आसान हो जाता है।

इस प्रकार, रेपो रेट में कटौती से आम जनता को होम लोन पर कम ब्याज दर और कम EMI का फायदा मिलता है।

फ्लोटिंग ब्याज दर वाले लोन पर प्रभाव

जिन ग्राहकों का होम लोन फ्लोटिंग रेट पर आधारित है, उनकी EMI सीधे घट सकती है।

ब्याज दर घटती है – फ्लोटिंग रेट वाले होम लोन सीधे रेपो रेट, MCLR या अन्य बेंचमार्क दरों से जुड़े होते हैं।
🔹 Home Loan EMI कम होती है – जब रेपो रेट घटता है, तो लोन की ब्याज दर भी कम हो जाती है, जिससे EMI घटती है।
🔹 ब्याज दर बदलती रहती है – भविष्य में ब्याज दरें फिर बढ़ सकती हैं, जिससे EMI भी बढ़ सकती है।

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फिक्स्ड ब्याज दर वाले लोन पर प्रभाव

जिनका लोन फिक्स्ड रेट पर है, उन्हें इस कटौती का तुरंत लाभ नहीं मिलता।

🔹 ब्याज दर स्थिर रहती है – फिक्स्ड रेट वाले होम लोन पर रेपो रेट में कटौती का सीधा असर नहीं पड़ता।
🔹 Home Loan EMI नहीं घटती – चूंकि ब्याज दर पहले से तय होती है, इसलिए EMI में कोई बदलाव नहीं होता।
🔹 पुराने लोन पर असर नहीं – हालांकि, नए लोन पर कम ब्याज दर मिल सकती है, लेकिन पहले से लिए गए फिक्स्ड रेट लोन पर कोई फर्क नहीं पड़ता।

बैंकिंग नीतियों का प्रभाव

जब भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) रेपो रेट में कटौती करता है, तो बैंकों की उधारी लागत कम हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप बैंक अपनी ब्याज दरें घटाते हैं, जिससे Home Loan EMI कम हो सकती है।

  • MCLR और EBLR का प्रभाव – बैंक MCLR (Marginal Cost of Funds Based Lending Rate) और EBLR (External Benchmark Linked Rate) के आधार पर होम लोन की ब्याज दर तय करते हैं। रेपो रेट में कटौती होने पर ये दरें कम हो सकती हैं, जिससे Home Loan EMI घट सकती है।
  • फ्लोटिंग और फिक्स्ड रेट लोन पर असरफ्लोटिंग ब्याज दर वाले लोन पर तुरंत असर पड़ता है और EMI कम हो जाती है। फिक्स्ड ब्याज दर वाले लोन पर रेपो रेट कटौती का असर नहीं पड़ता।
  • बैंकों की दरों में बदलाव – सभी बैंक RBI की रेपो रेट कटौती के आधार पर ब्याज दरों में तुरंत बदलाव नहीं करते। कुछ बैंक धीरे-धीरे दरें घटाते हैं, जिससे EMI में कमी थोड़ी देर से हो सकती है।

इस प्रकार, Home Loan EMI पर बैंकिंग नीतियों का प्रभाव बैंक द्वारा अपनाई गई ब्याज दर निर्धारण प्रणाली पर निर्भर करता है।

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3. नए और पुराने लोन धारकों पर असर

नए लोन धारकों के लिए

जो लोग नया होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, उन्हें कम ब्याज दरों पर लोन मिल सकता है, जिससे उनकी Home Loan EMI कम होगी।

पुराने लोन धारकों के लिए

जिनका लोन फ्लोटिंग रेट पर आधारित है, वे कम ब्याज दरों का लाभ उठा सकते हैं और उनकी EMI घट सकती है। हालांकि, फिक्स्ड रेट लोन वाले ग्राहकों पर इसका असर नहीं पड़ेगा।

RBI की रेपो रेट कटौती से Home Loan EMI कम हो सकती है, जिससे लोन लेने वालों पर वित्तीय बोझ कम पड़ता है। नए लोन धारकों के लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है, जबकि मौजूदा ग्राहक बैंक से संपर्क करके अपने लोन पर लाभ पाने की कोशिश कर सकते हैं।

होम लोन धारकों को कितना होगा फायदा? Home Loan EMI कितनी कम होगी?

Video Source- Lallantop

अगर आपने एक साल पहले 50 लाख रुपये तक का होम लोन 9% ब्याज दर पर 20 साल यानी 240 महीने के लिए लिया था तो मासिक EMI 44,986 रुपये होगी। रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद अगर बैंक पूरा लाभ लोन धारक को ट्रांसफर करता है तो मासिक ईएमआई 44,186 रुपये होगी। इससे हर साल 8 हजार रुपये का लाभ मिलेगा।

रेपो रेट में कटौती से पहले मूल राशि के अलावा कुल ब्याज 58 लाख रुपये तक चुकाना होगा। अब रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती के चलते अगर आपका बैंक भी ब्याज दर घटाता है तो आपकी नई ब्याज दर 8.75 फीसदी होगी। अगर आप अपना मासिक भुगतान पहले की तरह रखते हैं तो लोन 230 महीने (19 साल 2 महीने) में खत्म हो जाएगा यानी आपको 10 किश्तें कम चुकानी होंगी। इससे आपको ब्याज में 4.4 लाख रुपये की बचत होगी।

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ब्याज दरें घटने पर होम लोन धारकों को क्या करना चाहिए?

ब्याज भुगतान के बाद कर्जदार के पास दो विकल्प होते हैं, पहला किस्त की राशि कम करें, इससे मासिक EMI का बोझ कम होगा या दूसरा, किश्तों की संख्या कम करें, इससे कर्ज जल्दी खत्म हो जाएगा और कुल ब्याज की बचत होगी। विशेषज्ञों की सलाह है कि मासिक किस्त की रकम कम करने की तुलना में किस्तों की अवधि कम करना ज्यादा फायदेमंद होगा.

विशेषज्ञों का मानना है कि RBI आने वाले समय में भी ब्याज दरों में भारी कटौती कर सकता है।

रेपो रेट में कटौती के पीछे क्या कारण हैं?

1. आर्थिक मंदी और महंगाई दर का प्रभाव

जब अर्थव्यवस्था में मंदी आती है या महंगाई दर नियंत्रण में होती है, तो केंद्रीय बैंक (जैसे, भारतीय रिज़र्व बैंक) रेपो रेट में कटौती कर सकता है ताकि कर्ज सस्ता हो और आर्थिक गतिविधियाँ तेज़ हों।

2. बाजार में तरलता (Liquidity) बढ़ाने की जरूरत

रेपो रेट घटाने से बैंकों को कम ब्याज दर पर कर्ज मिलता है, जिससे वे ग्राहकों को सस्ती दरों पर ऋण दे सकते हैं। इससे बाजार में धन की उपलब्धता बढ़ती है और निवेश को प्रोत्साहन मिलता है।

3. सरकार की नीतियों का प्रभाव

कभी-कभी सरकार आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बैंक पर रेपो रेट कम करने का दबाव डालती है, ताकि व्यापार, उद्योग और उपभोक्ताओं को कम ब्याज दरों पर ऋण मिल सके और अर्थव्यवस्था में तेजी आ सके।

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निष्कर्ष: रेपो रेट कटौती से आपके Home Loan EMI पर क्या पड़ेगा असर?

  • रेपो रेट कटौती से किसे सबसे ज्यादा फायदा?
    रेपो रेट में कटौती से सबसे अधिक फायदा होम लोन लेने वालों और बैंक से कर्ज लेने वालों को होता है। इससे Home Loan EMI कम हो सकती है, जिससे उधारकर्ताओं पर वित्तीय बोझ घटता है।
  • क्या यह समय होम लोन लेने के लिए सही है?
    रेपो रेट में कटौती होने से निश्चित तौर पर ब्याज दरें कम होंगी, जिससे Home Loan EMI कम हो जाएंगी। ऐसे में यह होम लोन लेने के लिए सही समय हो सकता है, खासकर अगर आगे ब्याज दरें बढ़ने की संभावना हो। यदि आगे ब्याज दरें और कम होने की संभावना हो तो होम लोन लेने के लिए थोड़ा इंतजार किया जा सकता है।
  • भविष्य में ब्याज दरों को लेकर संभावनाएं
    भविष्य में ब्याज दरों का उतार-चढ़ाव आर्थिक स्थितियों और आरबीआई की मौद्रिक नीति पर निर्भर करेगा। अगर महंगाई नियंत्रण में रहती है, तो दरें स्थिर रह सकती हैं, लेकिन महंगाई बढ़ने पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे Home Loan EMI बढ़ सकती है। वर्तमान परिस्थितियों में विशेषज्ञों को राय है कि भविष्य में RBI द्वारा ब्याज दरें और कम किए जाने की पूरी संभावना है।

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What is Repo Rate?

रेपो दर(Repo Rate) वह दर है जिस पर आरबीआई अन्य बैंकों को ऋण देता है।

वर्तमान में repo rate 6.25% है?

रेपो रेट(Repo Rate) में कटौती होने  बैंकों को  ब्याज दरें कम करनी होंगी, जिससे Home Loan EMI कम हो जाएंगी|

इससे मूल राशि तेजी से घटेगी और आप लोन अवधि के दौरान ब्याज बचा सकेंगे|

अगर आपने 25 साल की अवधि के लिए 9.0% की ब्याज दर पर 40 लाख रुपये का Home Loan लिया है तो EMI 33,568 रुपये प्रति माह होगी। 25 बीपीएस रेपो रेट में कटौती के बाद, यह मानते हुए कि बैंक ग्राहकों को पूरा लाभ देंगे, वही Home Loan EMI राशि घटकर 32,886 रुपये प्रति माह हो जाएगी।

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