Last updated on February 13th, 2025 at 09:06 pm
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ToggleInitial public offering(IPO) क्या होता है?

- IPO में निवेश, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से कोई कंपनी पहली बार शेयर बाजार(Stock Market) में अपने शेयर आम निवेशकों(Investor) को बेचती है। इस प्रक्रिया द्वारा एक निजी कंपनी का सार्वजनीकरण(publicization) होता है।
- जब किसी कंपनी को अपने व्ययसाय का विस्तार करने के लिए धन जुटाना होता है तो वह कंपनी अपने शेयर(Share), शेयर बाजार के प्राथमिक बाजार(Primary Market) में जारी करती है।
- इन शेयरों को खरीदकर निवेशक उस कंपनी के स्वामित्व में हिस्सेदारी प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि कोई कंपनी 2 करोड़ शेयर ₹200 प्रति शेयर के भाव से बाजार में जारी करती है तो कंपनी IPO से ₹400 करोड़ जुटा सकती है।
IPO में निवेश कैसे करें?
आप इन 4 चरणों का पालन करके आईपीओ में निवेश कर सकते हैं-
- सर्वप्रथम एक विश्वसनीय ब्रोकर प्लेटफार्म पर अपना डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोले। इसके लिए आपको अपना आधार नंबर, PAN नंबर, बैंक खाता संख्या आदि ब्रोकर के साथ सांझा करना होगा। कुछ ही दिनों में आप अपने डीमैट खाते से आईपीओ(IPO) के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- IPO में निवेश हेतु आवेदन करते समय आपके खाते में शेयरों का एक स्लॉट खरीदने के लिए धनराशि होना चाहिए। आवेदन करने के लिए ASBA(Application Supported by Blocked Amount) सुविधा का प्रयोग कर सकते है। इसमें शेयरों के एक स्लॉट खरीदने के लिए आवश्यक धनराशि बैंक द्वारा ब्लॉक कर कर ली जाती है और शेयर अलॉट होने के बाद कंपनी को autopay द्वारा भुगतान हो जाता है। लिस्टिंग के दिन प्रातः 10 बजे तक निवेशक को शेयर अपने डीमैट खाते में मिल जाते हैं।
- किसी भी कंपनी के IPO के लिए आवेदन करने से पूर्व उस कंपनी का DRHP का अध्ययन कर लें। कंपनी के व्यवसाय, वित्तीय क्षमता और उद्योग छेत्र( Industry) की अच्छे से जांच पड़ताल कर लें।
- किसी भी कंपनी के IPO हेतु आवेदन से पहले उसका ग्रे मार्केट प्रीमियम(gray market premium-GMP) पता कर लें। ग्रे मार्केट प्रीमियम जितना ज्यादा हो उतना ही अधिक लिस्टिंग लाभ मिलने की संभावना होती है।
IPO जारी करने की प्रक्रिया(Process) क्या है?

- IPO लाने के लिए सर्वप्रथम कंपनी SEBI के पास DRHP(Draft Red Herring Prospectus) फाइल करती है। DRHP में कम्पनी के सारे विवरण, जिनमें कम्पनी की वित्तीय स्थिति, उद्देश्य, ग्रोथ की संभावनाएं और जोखिम दर्ज होते है।
- IPO के जरिए बिडिंग(bidding) आमंत्रित की जाती है और निवेशक इस बिडिंग प्रक्रिया में प्रतिभाग करते हैं। कम्पनी शेयर के लिए एक प्राइस बैंड(price band) तय करती है जिसमे न्यूनतम और अधिकतम मूल्य दर्ज होते है। निवेशकों को इसी प्राइस बैंड में बोली लगानी होती है।
- बिडिंग प्रक्रिया के बाद निवेशकों को शेयर अलॉट किए जाते हैं। यदि IPO की मांग ज्यादा होती है तो शेयरों का एलॉटमेंट लॉटरी के माध्यम से होता है।
- शेयर अलॉट होने के बाद कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज ( NSE या BSE) पर लिस्ट होते है। इसके बाद ये शेयर आम निवेशकों की खरीद फरोख्त के लिए शेयर बाजार में उपलब्ध हो जाते हैं।
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IPO में निवेश से क्या लाभ है?

1. यदि किसी कंपनी के फंडामेंटल(Fundamental) अच्छे हैं तो IPO लिस्टिंग के पहले ही दिन अलॉट हुए शेयर बेचकर निवेशक IPO में निवेश से अच्छा लिस्टिंग लाभ( listing gain) ले सकते हैं।
2. मजबूत फंडामेंटल और अच्छे आर्थिक आउटलुक(Economic Outlook) वाली कंपनी के IPO द्वारा उस कंपनी के शेयर अलॉट होने पर निवेशक कंपनी के स्वामित्व में हिस्सेदार बन जाता है।
3. IPO में निवेश से प्राप्त शेयरों के संदर्भ में दीर्घकालीन दृष्टिकोण(Long term Vision) रखने पर शेयर के दाम में वर्ष दर वर्ष उत्तरोत्तर वृद्धि देखने को मिलती है। जिसके निवेशक लाभान्वित होता है।
IPO में निवेश के अंतर्निहित जोखिम क्या है?
1. यह कह नहीं सकते स्टॉक एक्सचेंज में प्रत्येक IPO की लिस्टिंग लाभ के साथ ही होगी। शेयर बाजार में विभिन्न कारणों से अनिश्चितता के चलते कुछ कमजोर कंपनियां के शेयरों के भाव लिस्टिंग के बाद गिर जाते है।
2. IPO में निवेश के द्वारा शेयर अलॉट होने के बाद जरूरी नहीं है कि शेयर धारक को प्रतिवर्ष लाभांश(Dividend) मिलेगा। लाभांश देने से संबंधित फैसले लेने का अधिकार कंपनी के प्रबंधन को है।
3. कई बार निवेशक कंपनी के बारे में पर्याप्त जानकारी हासिल किए बिना ही IPO में निवेश के लिए आवेदन कर देते हैं। जागरूकता और पर्याप्त जानकारी की कमी नुकसान का कारण बन सकती है।
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निष्कर्ष(Conclusion)
- IPO में निवेश करना निवेशकों के लिए किसी कंपनी की ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा बन का अद्वितीय अवसर हो सकता है। परंतु IPO में निवेश करने करने से पहले कंपनी का आर्थिक ग्रोथ, इंडस्ट्री आउटलुक, अन्य आवश्यक मानक तथा इससे जुड़े जोखिम का अच्छे से विश्लेषण लेना चाहिए। अन्यथा IPO में निवेश करना घाटे का सौदा भी हो सकता है।
- परंतु यदि IPO में निवेश के लिए आवेदन करने से पहले संबंधित कंपनी के बारे में सही रिसर्च और आवश्यक जानकारी जुटा ली जाए तो, IPO द्वारा शेयर मिलना पर निवेशक के लिए लाभदायक हो सकता है।
IPO का फुल फॉर्म क्या है? IPO का मतलब क्या होता है?
IPO-Initial Public Offering
IPO खरीदने से क्या फायदा है?
IPO में निवेश करने का मुख्य फायदा लिस्टिंग लाभ लेना है। IPO के द्वारा किसी कंपनी के शेयर को लिस्टिंग के दिन के भाव से पहले कम दाम में लेने का अवसर भी प्राप्त होता है।
IPO कितना रिटर्न देता है?
विभिन्न कंपनी के IPO उनके शेयर की मांग और ओवर सब्सक्रिप्शन के कारण लिस्टिंग लाभ के रूप में 90-100% तक लाभ भी दे सकते है। जैसे Nykaa ने लिस्टिंग लाभ के रूप में लगभग 96% का लाभ दिया।
IPO कब बेच सकते हैं?
IPO में अलॉट हुए शेयर लिस्टिंग के दिन सुबह 10 बजे के बाद बेच एक्ट हैं।
मुझे कैसे पता चलेगा कि कौन सा IPO खरीदना है?
जिस कंपनी के अच्छे फंडामेंटल(fundamental), सेक्टर ग्रोथ संभावना, कार्यकुशल मैनेजमेंट, अच्छा रेवेन्यू और प्रॉफिट बना रही हो, उसके IPO ले लेना चाहिए।