“Income Tax Saving: आयकर बचाने के 10 स्मार्ट तरीके हर करदाता को अवश्य जानने चाहिए!”

Last updated on February 11th, 2025 at 07:07 pm

आज के समय में हर व्यक्ति अपनी मेहनत की कमाई को बचाने और अधिक से अधिक बचत करने की कोशिश करता है। इनकम टैक्स बचाने(Income Tax Saving) करने के लिए सही रणनीति अपनाना न केवल आपकी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाता है, बल्कि आपको भविष्य के लिए बेहतर योजना बनाने में भी मदद करता है। भारत में आयकर बचाने के कई कानूनी और स्मार्ट तरीके उपलब्ध हैं, जिनका सही उपयोग करके आप अपनी टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं। इस लेख में, हम आपको आयकर बचाने के 10 स्मार्ट तरीके बताएंगे, जो हर करदाता को अवश्य जानने चाहिए। इन तरीकों को अपनाकर आप अपने टैक्स बोझ को कम कर सकते हैं और अपनी बचत को बढ़ा सकते हैं।

income tax saving

Table of Contents

टैक्स बचाने की आवश्यकता और फायदे

हर व्यक्ति अपनी कमाई का एक हिस्सा टैक्स के रूप में सरकार को देता है, लेकिन यदि सही वित्तीय योजनाएँ अपनाई जाएं, तो Income Tax Saving कर सकते हैं। टैक्स बचाने की आवश्यकता इसलिए होती है ताकि हम अपनी आय का अधिकतम उपयोग कर सकें और दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता प्राप्त कर सकें।

टैक्स बचत के कुछ फायदे इस प्रकार हैं-

  1. आप लाभदायक साधनों और योजनाओं में निवेश करके अपनी बचत बढ़ा सकते हैं।
  2. टैक्स-बचत योजनाओं जैसे- PPF, NPS, ELSS आदि में निवेश करने से भविष्य में वित्तीय सुरक्षा मिलती है।
  3. विभिन्न कर-बचत योजनाएं आपको अपनी आय को लाभदायक उपकरणों में निवेश करने और धन सृजन का अवसर देती हैं।
  4. टैक्स बचत से प्राप्त धन का उपयोग आपातकालीन स्थिति में किया जा सकता है।

करदाता, आयकर बचत(Income Tax Saving) के स्मार्ट तरीकों को समझकर कई लाभ उठा सकते हैं। वे बचत और निवेश करके, एक बड़ा कोष बनाकर अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकते हैं।

have a look- “Income Tax Slab 2025-26”: टैक्स स्लैब में बड़े बदलाव, जानिए किसे होगा फायदा?

“क्या Nifty 50-Index में निवेश करना सही फैसला है? इसके बारे में विस्तार से जानें, बेहतर रिटर्न पाएं और एक स्मार्ट निवेशक की तरह अपना भविष्य सुरक्षित करें।”

भारतीय करदाताओं के लिए वैध कर Income Tax Saving विकल्प-

1. धारा 80C के तहत टैक्स छूट

Income Tax Saving के लिए आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C करदाताओं को विभिन्न निवेश और खर्चों पर टैक्स छूट का लाभ देती है। इसके तहत आप अधिकतम ₹1.5 लाख तक की कटौती का लाभ ले सकते हैं|

धारा 80C के तहत प्रमुख टैक्स बचत विकल्प इस प्रकार हैं-

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

PPF एक दीर्घकालिक, सरकार प्रायोजित बचत योजना है।

Income Tax Saving  से जुड़े  निम्नलिखित लाभ हैं-

  •  PPF पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से कर-मुक्त है।
  • हर साल 1.5 लाख रुपये तक का निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत कर Income Tax कटौती के लिए पात्र है।
  •  निवेश राशि, ब्याज और परिपक्वता (Maturity) की पूरी राशि पूरी तरह कर-मुक्त होती है।
  • PPF  में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है। लेकिन 7वें वर्ष के बाद आंशिक धनराशि निकाली जा सकती है|
  • मौजूदा पीपीएफ ब्याज दर 7.1% है|

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक सरकारी योजना है।

इसमें Income Tax Saving से संबंधित निम्नलिखित लाभ हैं-

  • कर्मचारी द्वारा EPF में किया गया योगदान (₹1.5 लाख तक) आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर कटौती के लिए पात्र है।
  • EPF के तहत निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी तीनों रकम टैक्स फ्री रहती हैं। यानी मूलधन और ब्याज दोनों पर कोई टैक्स नहीं लगता|
  • EPF में निवेश करने में कोई जोखिम नहीं है और इसकी ब्याज दरें भी निश्चित होती हैं। ईपीएफ ब्याज दर वर्तमान में 8.25% निर्धारित है|

राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC)

Income tax saving

यह योजना सरकारी कर्मचारियों, व्यापारियों और अन्य वेतनभोगी वर्गों के लिए फायदेमंद है जो आयकर दाता हैं।

इस योजना के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं-

  • जमा राशि आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर छूट के लिए पात्र है।
  • इस योजना में लॉक-इन अवधि पांच वर्ष है।
  • वर्तमान में राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) पर ब्याज दर 7.7% प्रति वर्ष है।

कर बचत फिक्स्ड डिपॉजिट (Tax Saving FD)

टैक्स सेविंग FD एक विशेष बचत योजना है, जो बचत पर ब्याज अर्जित करने में मदद करती है।

  • इस योजना के तहत 1.5 लाख रुपये तक की निवेश राशि पर भारतीय आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत कर कटौती लाभ उठाया जा सकता है|
  • वर्तमान में इस योजना के तहत सामान्य नागरिकों के लिए ब्याज दर 7.25% है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.80% की उच्च दर उपलब्ध है।
  • टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए लॉक-इन अवधि 5 वर्ष है।
  • टैक्स-सेविंग एफडी पर ब्याज दरें आमतौर पर 5.5% – 7.75% के बीच होती हैं।
FD

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)) एक प्रकार का बीमा उत्पाद है जो जीवन बीमा कवर और निवेश दोनों का लाभ प्रदान करता है।

Income Tax Saving के संदर्भ में, ULIP से जुड़े कुछ कर लाभ इस प्रकार हैं-

  • धारा  80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक के ULIP प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलती है|
  • धारा 10(10डी) के तहत, यदि बीमा पर प्राप्त फंड रिटर्न पर प्रीमियम 5 साल से अधिक के लिए पूरा भुगतान किया गया है, तो यह कर योग्य नहीं है (कुछ शर्तों के आधार पर)।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) भारत सरकार द्वारा Old Pension Scheme(OPS) के स्थान पर लागू की गई एक पेंशन योजना है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को पेंशन के लिए एक व्यवस्थित योजना प्रदान करना है।

  • इस योजना में, कर्मचारी (संगठित और असंगठित क्षेत्र से) हर महीने नियमित रूप से वह राशि जमा करते हैं, जो उन्हें बाद में उनकी सेवानिवृत्ति के समय पेंशन के रूप में भुगतान की जाती है।
  • Income Tax Saving-धारा 80C के तहत, NPS में निवेश पर ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है
  • इसके अतिरिक्त, NPS में निवेश करने पर धारा 80CCD(1B) के तहत ₹50,000 तक की अतिरिक्त कर छूट का लाभ उठाया जा सकता है।

जीवन बीमा प्रीमियम (Term Life Insurance Premium)

जीवन बीमा प्रीमियम एक महत्वपूर्ण Income Tax  Saving  उपकरण है, जिसे आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट प्राप्त है।

  • करदाता जीवन बीमा प्रीमियम पर प्रति वर्ष अधिकतम ₹1.5 लाख तक टैक्स बचा सकते हैं।
    साथ ही, शर्तें पूरी होने पर बीमा पॉलिसी से प्राप्त परिपक्वता राशि भी धारा 10(10D) के तहत कर-मुक्त हो सकती है।

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) बालिकाओं को सुरक्षित भविष्य प्रदान करने के लिए एक सरकारी बचत योजना है।

  • Income Tax Saving के लिए  इसमें धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है।
  • इसके साथ ही जमा राशि, ब्याज और परिपक्वता राशि पूरी तरह से कर मुक्त है।
  • वर्तमान (जनवरी 2025) में सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) के लिए ब्याज दर 8.2% प्रति वर्ष है।
  • SSY खाता 10 वर्ष की आयु तक खोला जा सकता है, और बालिका की उम्र 21 वर्ष की होने तक संचालित किया जा हो सकता है।

होम लोन प्रिंसिपल रीपेमेंट

आप होम लोन के मूलधन के पुनर्भुगतान(Repayment) पर कर छूट का लाभ उठा सकते हैं। Income Tax  Saving के नजरिए से, ये पुनर्भुगतान धारा 80सी के तहत कर कटौती के लिए पात्र हैं।

  • होम लोन चुकाने पर धारा 80सी के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट का लाभ उठाया जा सकता है।

  • यह छूट केवल अधिसूचित बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिए गए ऋण पर लागू होती है।

  • यह लाभ पाने के लिए संपत्ति बेचने से पहले संपत्ति को 5 साल तक अपने पास रखना होगा, अन्यथा यह छूट आयकर के रूप में फिर से जोड़ दी जाएगी।

ट्यूशन फीस (Tuition Fees)

इसमें वह फीस शामिल है जो माता-पिता अपने बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल, कॉलेज या विश्वविद्यालय को देते हैं। Income Tax Saving के उद्देश्य से, यह व्यय धारा 80C के तहत कर कटौती के लिए पात्र है।

  • धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट का लाभ उठाया जा सकता है।
  • यह छूट केवल दो बच्चों की फीस पर ही प्राप्त की जा सकती है।
  • इसमें स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी या अन्य मान्यता प्राप्त संस्थान की फीस ही मान्य है।

धारा 80C का सही उपयोग करके Income Tax Saving की जा सकती है और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की जा सकती है। Income Tax Saving के लिए धारा 80C के तहत आने वाली योजनाओं में समझदारी से निवेश करना एक अच्छी और लाभदायक रणनीति हो सकती है।

2.राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) – धारा 80CCD(1B)

Nps

राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) एक सरकारी सेवानिवृत्ति योजना है जो करदाताओं को Income Tax Saving के साथ दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।

  • इसके तहत धारा 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स छूट का लाभ उठाया जा सकता है|
  • यह छूट धारा 80C की ₹1.5 लाख की सीमा से अलग है।

3. होम लोन पर टैक्स छूट-Income Tax Saving

होम लोन पर मिलने वाली टैक्स छूट:

  1. धारा 80C – प्रिंसिपल अमाउंट पर छूट
    • होम लोन के मूलधन (Principal) भुगतान पर ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है।
    • यह छूट केवल नए घर की खरीद पर लागू होती है।
  2. धारा 24(b) – ब्याज भुगतान पर छूट
    • होम लोन के ब्याज भुगतान पर प्रति वर्ष ₹2 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है।
    • यदि घर निर्माणाधीन है, तो पूरा लाभ निर्माण पूरा होने के बाद मिलता है।
  3. धारा 80EE – पहली बार घर खरीदने वालों के लिए अतिरिक्त छूट
    • यदि आप पहली बार घर खरीद रहे हैं, तो ₹50,000 तक की अतिरिक्त छूट ले सकते हैं।
    • यह छूट उन्हीं मामलों में लागू होती है, जहां लोन राशि ₹35 लाख से कम हो और प्रॉपर्टी की कीमत ₹50 लाख से कम हो।
  4. धारा 80EEA – अफोर्डेबल हाउसिंग पर छूट
    • यदि घर की स्टांप ड्यूटी वैल्यू ₹45 लाख से कम है, तो अतिरिक्त ₹1.5 लाख की छूट मिलती है।
    • यह छूट सिर्फ उन्हीं को मिलती है, जिन्होंने पहले से कोई घर नहीं खरीदा है।

यदि आप Income Tax Saving के साथ अपने खुद के घर का सपना पूरा करना चाहते हैं, तो होम लोन पर मिलने वाली टैक्स छूट का सही तरीके से उपयोग करें।

4. हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम – धारा 80D

स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) न केवल मेडिकल इमरजेंसी में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि Income Tax Saving करने में भी मदद करता है। आयकर अधिनियम की धारा 80D के तहत, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर कर छूट का लाभ लिया जा सकता है।

  1. स्वयं और परिवार के लिए बीमा:

    • यदि आप स्वयं, जीवनसाथी और बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, तो ₹25,000 तक की टैक्स छूट मिलती है।
    • यदि बीमाधारक 60 वर्ष से अधिक का है, तो यह सीमा ₹50,000 तक बढ़ जाती है।
  2. माता-पिता के लिए बीमा:

    • यदि आप माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, तो अतिरिक्त ₹25,000 तक की छूट मिलती है।
    • यदि माता-पिता 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, तो यह छूट ₹50,000 तक हो जाती है।
  3. कुल कर छूट की अधिकतम सीमा:

    • यदि करदाता और माता-पिता दोनों 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, तो अधिकतम ₹1 लाख तक की टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है।

धारा 80D के तहत कवर किए जाने वाले खर्च:

  • हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान|
  • प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप (₹5,000 तक)
  • सीनियर सिटीजन के लिए मेडिकल खर्च (बिना बीमा के भी)|

अगर आप अपनी और परिवार की स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ-साथ Income Tax Saving भी करना चाहते हैं, तो हेल्थ इंश्योरेंस लेना एक समझदारी भरा निर्णय होगा।

5. हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर छूट

यदि आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं और किराए के मकान में रहते हैं, तो हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के तहत आप Income Tax Saving कर सकते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 10(13A) के अनुसार, वेतनभोगी व्यक्तियों को उनके वेतन में शामिल HRA पर कर छूट मिलती है

HRA पर मिलने वाली टैक्स छूट निम्नलिखित तीन राशियों में से सबसे कम के आधार पर दी जाती है:

  • प्राप्त HRA राशि (जो वेतन में शामिल हो)
  • किराया भुगतान – (मूल वेतन का 10%)
  • मेट्रो शहरों में मूल वेतन का 50% या गैर-मेट्रो शहरों में 40%

HRA छूट लेने की शर्तें:

  • कर्मचारी को किराए के मकान में रहना आवश्यक है।
  • यदि किराया ₹1 लाख/वर्ष से अधिक है, तो मकान मालिक का PAN नंबर देना अनिवार्य है।
  •  यदि कोई स्व-नियोजित व्यक्ति है या HRA नहीं मिलता, तो धारा 80GG के तहत छूट का दावा कर सकता है।

यदि आप किराए के मकान में रहते हैं, तो HRA छूट का सही उपयोग करके Income Tax Saving कर सकते हैं और अपने वित्तीय बोझ को कम कर सकते हैं।

6. एजुकेशन लोन पर ब्याज छूट – धारा 80E

education loan tax

यदि आपने उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन लिया है, तो धारा 80E के तहत आप Income Tax Saving कर सकते हैं। यह छूट एजुकेशन लोन के ब्याज भुगतान पर मिलती है, जिससे करदाताओं को वित्तीय राहत मिलती है।

धारा 80E के तहत छूट के प्रमुख बिंदु:

  • इस धारा के तहत केवल ब्याज भुगतान पर कर छूट मिलती है, मूलधन पर नहीं।
  •  टैक्स छूट की कोई ऊपरी सीमा नहीं है, जितना ब्याज चुकाया जाएगा, उतना ही छूट का लाभ मिलेगा।
  • यह छूट खुद करदाता, उनके जीवनसाथी, बच्चों या कानूनी रूप से संरक्षित छात्र के लिए लिए गए एजुकेशन लोन पर लागू होती है।
  • लोन चुकाने की शुरुआत से अधिकतम 8 वर्षों तक या पूरे लोन भुगतान तक, जो भी पहले हो|
  • केवल बैंक, वित्तीय संस्थान या सरकार द्वारा अनुमोदित संस्थानों से लिए गए लोन पर ही छूट मिलती है।

यदि आप या आपका परिवार उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन चुका रहे हैं, तो धारा 80E का लाभ उठाकर Income Tax Saving कर सकते हैं और अपने वित्तीय बोझ को कम कर सकते हैं।

7. डोनेशन और चैरिटी – धारा 80G

यदि आप समाज सेवा के उद्देश्य से किसी मान्यता प्राप्त संस्था या ट्रस्ट को दान (Donation) करते हैं, तो आयकर अधिनियम की धारा 80G के तहत Income Tax Saving कर सकते हैं। यह धारा करदाताओं को दान की गई राशि पर कर छूट का लाभ देती है।

धारा 80G के तहत टैक्स छूट के प्रमुख बिंदु:

  •  केवल सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त धर्मार्थ संस्थाओं, ट्रस्ट या फंड में दिए गए दान पर छूट मिलती है।
  • कुछ संस्थानों को 100% छूट मिलती है (जैसे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष)।  कुछ संस्थानों को 50% छूट मिलती है।
  • ₹2,000 से अधिक का दान बैंक या डिजिटल माध्यम से करना अनिवार्य है, तभी टैक्स छूट मिलेगी।
  • यह छूट व्यक्तिगत करदाताओं और कंपनियों दोनों के लिए उपलब्ध है।

यदि आप समाज सेवा में योगदान देना चाहते हैं, तो धारा 80G के तहत दान करके Income Tax Saving का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।

8. स्टार्टअप्स और बिजनेस टैक्स सेविंग विकल्प

भारत सरकार स्टार्टअप्स और व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए कई Income Tax Saving योजनाएँ प्रदान करती है, जिससे उद्यमियों को कर लाभ मिल सके और वे अपने बिजनेस को बढ़ा सकें।

स्टार्टअप्स और बिजनेस के लिए टैक्स सेविंग विकल्प:

    • धारा  80IAC के तहत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स को पहले 3 वर्षों तक 100% आयकर छूट मिलती है।
    • यह लाभ वे स्टार्टअप ले सकते हैं जो 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2024 के बीच पंजीकृत हुए हैं।
    • धारा 54EE के तहत यदि स्टार्टअप को मिले लाभ को किसी मान्यता प्राप्त फंड में निवेश किया जाए, तो ₹50 लाख तक के पूंजीगत लाभ (Long Term Capital Gain) पर टैक्स छूट मिल सकती है।
    • न्यू मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स दर 15% तक कम कर दी गई है।
    • अन्य कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स 22% रखा गया है (यदि वे कोई अतिरिक्त कटौती का दावा नहीं करते)|
    • धारा 37  के तहत व्यवसाय को चलाने से जुड़े मार्केटिंग, विज्ञापन, यात्रा, ऑफिस किराया आदि पर टैक्स छूट उपलब्ध है|
    • यदि स्टार्टअप को मान्यता प्राप्त निवेशकों (VCs या एंजल इन्वेस्टर्स) से फंडिंग मिलती है, तो उन पर एंजल टैक्स से छूट दी जाती है।

यदि आप अपना स्टार्टअप या बिजनेस चला रहे हैं, तो इन Income Tax Saving विकल्पों का सही उपयोग करके अपनी टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं और अपने व्यवसाय को तेजी से बढ़ा सकते हैं।

9. लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) पर छूट

यदि आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं और यात्रा करना पसंद करते हैं, तो लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) के तहत आप Income Tax Saving कर सकते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 10(5) के तहत, नियोक्ता द्वारा दिए गए LTA पर कर छूट का लाभ मिलता है।

LTA छूट के प्रमुख नियम:

  •  यह छूट केवल भारत के भीतर की यात्रा के लिए उपलब्ध है|
  •  इसमें ट्रेन, फ्लाइट, बस या अन्य सार्वजनिक परिवहन का किराया शामिल होता है, लेकिन होटल, भोजन और अन्य खर्च शामिल नहीं होते।
  •  कर्मचारी 4 साल के ब्लॉक में 2 बार LTA छूट का दावा कर सकता है। 
  • यह छूट कर्मचारी, उनके पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता और भाई-बहनों पर लागू होती है (यदि वे आर्थिक रूप से आश्रित हैं)।

यदि आप यात्रा करना चाहते हैं और Income Tax Saving भी करना चाहते हैं, तो लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) का सही उपयोग करें और अपने कर वित्तीय बोझ को कम करें।

10. अन्य महत्वपूर्ण टैक्स सेविंग टिप्स

करदाताओं के लिए Income Tax Saving करने के कई स्मार्ट तरीके हैं, जिनका सही उपयोग करके कर देनदारी को कम किया जा सकता है। नीचे कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं:

कर-मुक्त भत्तों (Allowances) का उपयोग-

  • वेतन में मिलने वाले HRA (House Rent Allowance), LTA (Leave Travel Allowance), फूड कूपन, ट्रांसपोर्ट अलाउंस आदि पर कर छूट मिलती है।
  • यदि नियोक्ता से चाइल्ड एजुकेशन अलाउंस या होम ऑफिस अलाउंस मिलता है, तो इसका भी लाभ उठाया जा सकता है।

टैक्स सेविंग बॉन्ड्स और म्यूचुअल फंड्स-

  • सरकार द्वारा जारी टैक्स-सेविंग बॉन्ड्स (जैसे REC और NHAI बॉन्ड्स) में निवेश करने पर कर छूट मिलती है।
  • ELSS (Equity Linked Saving Scheme) म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने पर धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती है।
  •  PPF (Public Provident Fund) और NPS (National Pension Scheme) में निवेश करने से भी कर बचत होती है।

जॉइंट होम लोन लेकर टैक्स बचत-

  • यदि पति-पत्नी या किसी अन्य सह-स्वामित्व वाले व्यक्ति के साथ जॉइंट होम लोन लिया जाता है, तो दोनों को अलग-अलग टैक्स छूट मिल सकती है।
  •  धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की मूलधन पर छूट और धारा 24(b) के तहत ₹2 लाख तक की ब्याज पर छूट प्राप्त की जा सकती है।
  •  इससे दोनों करदाताओं की Income Tax Saving होती है और वित्तीय बोझ कम हो जाता है।

अगर आप Income Tax Saving करना चाहते हैं, तो कर-मुक्त भत्तों, टैक्स सेविंग निवेश और जॉइंट होम लोन जैसी स्मार्ट रणनीतियों का सही तरीके से उपयोग करें और अपनी कर देनदारी को कम करें।

FAQ's

Item #1

Leave a Comment

Table of Contents

Index
Scroll to Top