Last updated on March 1st, 2025 at 10:39 pm
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया। इस बजट में Income Tax Slab 2025-26 की घोषणा गई है, जिसमें करदाताओं को ध्यान में रखते हुए कई बड़े बदलाव किए गए हैं। यह बदलाव खासतौर पर आम आदमी, नौकरीपेशा लोगों, व्यापारियों और निवेशकों को प्रभावित करेगा।
सरकार ने Budget 2025 में Income Tax Slab 2025-26 को पेश करते हुए टैक्स दरों में संशोधन किया है। नए स्लैब के तहत मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कर सुधार पेश किए हैं, जिसमें ₹12.75 लाख तक की आय पर टैक्स शून्य कर दिया गया है| विभिन्न आय वर्गों के लिए कर दरों में बदलाव किया गया है। यह परिवर्तन करदाताओं को अधिक बचत का अवसर प्रदान कर सकता है।
Income Tax Slab 2025-26 का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे करदाताओं को लाभ हो और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।

Table of Contents
ToggleIncome Tax Slab 2025-26: प्रमुख बदलाव New Tax Regime
Video source- Asset Yogi
बजट में सरकार ने कुछ अहम बदलावों के साथ Income Tax Slab 2025-26 पेश किया है।इसका उद्देश्य मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को बढ़ाना और देश में समावेशी आर्थिक विकास को प्रेरित करना है।
नई कर प्रणाली में मुख्य बदलाव-
1. कर मुक्त आय सीमा 12 लाख तक बढ़ाई

- नए इनकम टैक्स स्लैब 2025-26 में इनकम टैक्स छूट 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है| नई टैक्स व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा|
- इन 12 लाख रुपये में कैपिटल गेन शामिल नहीं है| इस कर प्रणाली के तहत, पूंजीगत लाभ(Capital gain) पर कर छूट नहीं है और Capital Gain Tax का भुगतान अलग से करना पड़ता है।
- इसका मतलब यह है कि अगर अन्य स्रोतों से भी आय है तो आयकर छूट की सीमा 12 लाख रुपये ही रहेगी|
- कुल कर योग्य आय पर 75000 रुपये का Standard Deduction लाभ मिलेगा। यानी 12 लाख 75 हजार रुपये की आय तक इनकम टैक्स नहीं देना होगा|
- आयकर अधिनियम की धारा 87A के तहत आयकर छूट 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये कर दी गई है|


- जिन लोगों की आय 12 लाख रुपये तक है उन्हें इनकम टैक्स में 100 फीसदी छूट का लाभ मिलेगा|
- 13 लाख रुपये कमाने वालों को डबल फायदा- नई टैक्स व्यवस्था के पुराने स्लैब में 13 लाख रुपये की आय पर टैक्स करीब 1 लाख रुपये है. वहीं, नए स्लैब में यह ₹75000 हो जाएगा. जिससे सीधे ₹25000 की बचत होगी।
₹13 लाख की आय मामले में करदाता को ₹75 हजार की मानक कटौती भी मिलेगी, जिससे कुल छूट ₹12.75 लाख तक हो जाएगी। केवल ₹25000 पर आय गणना होगी। चूंकि यहां स्लैब के हिसाब से कर ₹75000 बन रहा है, जो कुल कर योग्य आय से अधिक है। इसलिए करदाता को सिर्फ ₹25000 चुकाने होंगे|
- ₹16 लाख तक आय वालों का पुराने स्लैब के हिसाब से ₹1,70,000 का टैक्स बनता है, जबकि नए Income Tax Slab 2025-26 के अनुसार ₹1,20,000 टैक्स बनता है। अर्थात ₹50,000 का सीधा लाभ मिल रहा है।
- ₹ 20 लाख रुपए तक की आय वालों का पुराने स्लैब के आधार पर ₹2,90,000 का टैक्स बनता है, जबकि नए टैक्स स्लैब में ₹2,00,000 का टैक्स बन रहा है। जिससे उन्हें ₹90,000 का फायदा होगा।
- 25 लाख तक आय वालों का पुराने स्लैब के आधार पर ₹4,10,000 टैक्स बनता है, वहीं नए Income Tax Slab 2025-26 में ₹3,00,000 टैक्स बन रहा है। इस प्रकार ₹1,10,000 का सीधा फायदा मिलेगा।
- ₹50 लाख तक आय वालों का पुराने स्लैब के आधार पर ₹11,90,000 टैक्स बनता है, वहीं नए Income Tax Slab 2025-26 में ₹10,80,000 टैक्स बन रहा है। इस प्रकार ₹1,10,000 का सीधा फायदा मिलेगा।
- आयकर की धारा -115BAC(1A) के तहत मार्जिनल रिलीफ के तहत करदाता को ₹75000 की जगह केवल ₹25000 ही कर चुकाना होगा।
2. TDS(Tax Deducted at Source) में संशोधन
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए TDS कटौती की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 100,000 रुपये कर दी गई है|
- अब वरिष्ठ नागरिकों के लिए 100,000 रुपये तक की एफडी के ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा|
- आम नागरिकों के लिए एफडी पर ब्याज की टीडीएस कटौती की सीमा 40000 से बढ़ाकर 50000 कर दी गई है.
- आवासीय संपत्ति से किराये की आय पर टीडीएस कटौती की सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है।


3. अपडेटेड आयकर रिटर्न(Updated income tax return: ITR-U)
- बजट वित्तीय वर्ष 2025-26 में अपडेटेड आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 24 महीने से बढ़ाकर 48 महीने कर दी गई है।
- इसका मतलब है कि अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में कोई गलती की है तो इसे अपडेट करने के लिए आपके पास 2 साल की जगह 4 साल का समय होगा।
टैक्स स्लैब में बदलाव से किन्हें होगा फायदा और नुकसान?
1. सैलरीड क्लास को कैसे मिलेगा लाभ?

Income Tax Slab 2025-26 के व्यवहार में आने से सैलरीड क्लास के करदाताओं के पास अधिक धनराशि बचेगी, जिसे वे उपभोग, बचत या निवेश में उपयोग कर सकेंगे। इससे न केवल व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति में सुधार होगा, बल्कि अर्थव्यवस्था में उपभोग और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा।
- Income Tax Slab 2025-26 में न्यूनतम टैक्स सीमा बढ़ने से वेतनभोगी वर्ग को अधिक टैक्स बचत का लाभ मिलेगा| यह ज्ञात है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए इनकम टैक्स में छूट 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी गई है|
- आयकर अधिनियम की धारा 87ए के तहत आयकर छूट(Rebate) 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये कर दी गई है|
2. बिजनेस और स्वरोजगार करने वालों पर प्रभाव

सरकार द्वारा Income Tax Slab 2025 26 के तहत किए गए बदलावों का काफ़ी असर कारोबार और स्वरोजगार करने वाले लोगों पर पड़ेगा।
- सरकार द्वारा आयकर में छूट से छोटे व्यापारियों और फ्रीलांसरों को राहत मिलेगी| Income Tax Slab 2025-26 में न्यूनतम टैक्स सीमा बढ़ने से छोटे कारोबारियों और फ्रीलांसरों को टैक्स बचत का फायदा मिलेगा|
- आयकर छूट से सभी श्रेणी के व्यवसायियों को अपने व्यवसाय में अधिक पैसा निवेश करने का अवसर मिलेगा। इससे वे अपने बिजनेस का विस्तार भी कर सकेंगे|
- सरकार ने MSME को देश के एक महत्वपूर्ण विकास इंजन(Growth Engie) के रूप में पेश किया है। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में 500 करोड़ रुपये तक सालाना टर्नओवर वाली कंपनियां भी मध्यम श्रेणी में आएंगी और एमएसएमई से जुड़ी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगी| इससे उन्हें निश्चित ही बड़ा लाभ मिलेगा|
कुल मिलाकर, Income Tax Slab 2025-26 की घोषणा से व्यवसायियों और स्वरोजगार करने वालों को राहत मिली है, जिससे उनकी आय, निवेश और विस्तार योजनाओं को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
3.निवेशकों और शेयर बाजार पर संभावित असर

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए घोषित Income Tax Slab 2025-26 का निवेशकों और शेयर बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
- सरकार द्वारा मध्यम वर्ग को आयकर में छूट देने से उनकी जेब में ज्यादा पैसा आएगा और उनकी क्रय शक्ति(Purchasing Power) भी बढ़ेगी। इससे उपभोक्ता वस्तुओं, ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में मांग बढ़ने से इन क्षेत्रों की कंपनियों के शेयरों में तेजी आने की संभावना है।
- आयकर दरों में कटौती के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र में आवासीय संपत्तियों की मांग में वृद्धि होगी, जिसके कारण रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनियों के शेयरों की कीमतों में बढ़ोतरी की प्रबल संभावना है।
- सरकार के द्वारा टैक्स स्लैब में बदलाव से निवेशकों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा| टैक्स कटौती से बचाए गए इस पैसे को निवेशक निश्चित रूप से शेयर बाजार में निवेश करेंगे और इससे शेयर बाजार की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
निष्कर्ष: Income Tax Slab 2025-26
- सरकार द्वारा कर-मुक्त सीमा बढ़ाने और कर का बोझ कम करने से वेतनभोगी वर्ग, छोटे व्यापारियों और स्वरोजगार करने वाले लोगों को वित्तीय राहत मिलेगी। आयकर छूट से व्यवसायियों और स्व-रोज़गार वाले लोगों को अपनी आय का निवेश करने और अपनी व्यवसाय विस्तार योजनाओं को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। आयकर में कटौती से व्यापार क्षेत्र और शेयर बाजार को सकारात्मक दिशा मिलेगी। Income Tax Slab 2025-26 में सुधारों से मुझे यकीन है कि करदाताओं के हाथ में अधिक पैसा आएगा जिससे देश में उपभोग, निवेश और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
FAQ'S: source-htttp://incometax.gov.in
'नई कर व्यवस्था' क्या है?
नई व्यवस्था रियायती कर दरों और उदार स्लैब का प्रावधान करती है। हालाँकि, नई व्यवस्था में किसी भी कटौती की अनुमति नहीं है (उदाहरण के लिए 80JJAA, 80M, मानक कटौती के अलावा)।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कर मुक्त आय की अधिकतम सीमा क्या है?
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कर मुक्त आय की अधिकतम सीमा 12 लाख रुपये है।
12 लाख रुपये आय वाले व्यक्ति को नई दरों से क्या फायदा होगा?
पुराने टैक्स स्लैब के तहत, किसी व्यक्ति को पहले 12 लाख रुपये की आय पर 80,000 रुपये (नई व्यवस्था में) टैक्स देना पड़ता था। अब नए इनकम टैक्स स्लैब 2025-26 में उन्हें ऐसी आय पर शून्य टैक्स देना होगा|
क्या नई व्यवस्था में वेतन पर मानक कटौती उपलब्ध है?
हां, नई व्यवस्था में करदाताओं को 75,000 रुपये की मानक कटौती उपलब्ध है। इसलिए, एक वेतनभोगी करदाता को किसी भी कर का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी जहां मानक कटौती से पहले उसकी आय 12,75,000 रुपये से कम या उसके बराबर है।
करदाताओं को सीमांत राहत(Marginal Relief) सुविधा कैसे उपलब्ध है?
धारा 115BAC(1A) के तहत नई व्यवस्था में, सीमांत राहत केवल उन निवासी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है जिनकी आय मामूली रूप से 12 लाख रुपये से अधिक है। उदाहरण के लिए, 12,10,000 रुपये की आय वाले व्यक्ति के लिए, सीमांत राहत के अभाव में, कर रु. 61,500 बनता है|
4 लाख रुपये का 5% + 4 लाख का 10% और 10 हजार रुपये का 15%)।
हालाँकि, सीमांत राहत के कारण, वास्तव में भुगतान की जाने वाली कर की राशि रु. 10,000 है|
किसी भी करदाता को धारा 87A के तहत छूट की अधिकतम राशि(Rebate)क्या है?
धारा 87A के तहत उपलब्ध अधिकतम छूट 60,000 रुपये है। यह छूट 12 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं के लिए है, जिस पर New Income Tax Slab 2025-26 के अनुसार कर देय है।
कुल आय कितनी है जिसके लिए Marginal Relief स्वीकार्य है?
New tax slab 2025-26 के तहत 12,75,000 रुपये अधिकतम कुल आय है जिसके लिए सीमांत राहत उपलब्ध है।
छूट(Rebate) और सीमांत राहत(Marginal Relief) के बीच क्या अंतर है?
छूट(Rebate) कर से कटौती है जो नई व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं के लिए उपलब्ध है। सीमांत राहत(Marginal Relief) यह सुनिश्चित करती है कि 12 लाख रुपये से थोड़ी अधिक आय वाले करदाताओं को 12 लाख रुपये से अधिक की आय से अधिक कर नहीं देना होगा।